डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन -विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के अध्यक्ष के रूप में उन्होंने विश्वविद्यालय शिक्षा के विभिन्न पक्षों का अध्ययन किया।

प्रफुल चंद्र राय ने वर्ष 1895 में स्थिर यौगिक मर्क्यूरस नाइट्राइट की खोज की।

रामानुजन जब अंग्रेज़ी विषय में फेल हुए तो उन्होंने स्कूल छोड़ दिया. इसके बाद उन्होंने गणित सीखा और दुनिया भर में अपनी पहचान बनाई. 

28  फरवरी 1928  को चन्द्रशेखर वेंकट रामन् ने रामन प्रभाव की खोज की थी जिसकी याद में भारत में इस दिन को प्रत्येक वर्ष 'राष्ट्रीय विज्ञान दिवस' के रूप में मनाया जाता है। 

जगदीश चंद्र बोस ने केस्कोग्राफ नाम के एक यंत्र का आविष्कार किया. यह आस-पास की विभिन्न तरंगों को माप सकता था. बाद में उन्होंने प्रयोग के जरिए साबित किया था कि पेड़-पैधों में जीवन होता है.

2012 में खोजे गए गॉड पार्टिकल को भी वैज्ञानिकों ने बोस के नाम पर ही 'हिग्स-बोसोन कण' नाम दिया।

भारत के पहले स्वदेशी उपग्रह प्रक्षेपण यान एसएलवी-3 के निर्माण में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।  इस मिसाइल को बनाने में उन्होंने कड़ी मेहनत की थी, जिस वजह से उन्हें मिसाइल मैन कहा गया।

चंद्रयान मिशन 3 सफलता हासिल की |