dengue cases in haridwar : डेंगू पानी में पनपता है। यदि आप अपने घरों में कलर में पानी जमा रखते हैं जिस कारण से भी वह आपके घर में फैल सकता है। यदिसमय-समय पर पानी को नहीं बदल जाए। तो डेंगू आपकेघर और और आसपास के इलाके में तेजी से फैल सकता है। हाल ही में हरिद्वार के क्षेत्र में डेंगू के लाखों करोड़ों मरीज पाए गए हैं चलिए हम आपको बताते हैं कि डेंगू से बचाव कैसे कर सकते हैं खबर के लिए अपडेट रही है|
dengue cases in haridwar : हरिद्वार में डेंगू के मरीज बढ़ाते दिन इंक्रीज हो रहे हैं। शुक्रवार को एलाइजा जांच में 10 मरीजों में डेंगू के बारे में ज्ञात हुआ था है। और इसके साथ में कुछ नए कैसे आ रहे हैं कुछ जिले में डेंगू मरीजों का आंकड़ा 500 तक पहुंच गया है। ऐसे में सर्वाधिक 147 मामले हरिद्वार नगर निगम क्षेत्र मैंबन रहे हैं।डेंगू का वायरस फैलता जा रहा है। आए दिन इसके मरीज अस्पतालों में भीड़ लग रहे हैं हैं। बीते कुछ सालों में मुकाबले जिले में डेंगू के मरीज करीब बढ़ गए थे हैं। इसके उपचार के लिए जल्द ही कुछ किया जाएगा।सबसे ज्यादा घबराने वाली बात यह है कि जिले में अब तक डेंगू के सर्वाधिक 147 मामले हरिद्वार नगर निगम क्षेत्र में ही क्यों आए। वहां का आंकड़ा इतनी संख्याओं में कैसे पहुंच गया। ऐसे में नगर निगम पर काफी सवाल उठ रहे हैं हालांकि नगर निगम प्रशासन की ओर से जन जागरूकता के साथ-साथ लगातार कीटनाशकों का छिड़काव और फागिंग का दावा का छिड़काव कर कर इसमें उपचार के कार्य किया जा रहे हैं|सरकार के द्वारा पांच स्प्रे टैंकर, पांच फागिंग मशीन तथा 10 फोंटाना मशीनें लगाकर छिड़काव करने की बात सामने आई है है। नगर आयुक्त दयानंद सरस्वती के मुताबिक अब से नगर निगम को छह जोन में बांटकर 101 फागिंग मशीन तथा दो-दो फोंटाना स्प्रे मशीन प्रत्येक क्षेत्र में छिड़काव किया जाएगा है। अप्सरा हरिद्वार डटकर डेंगू का सामना करेगा| आई आपको बताते हैं कि डेंगू किस कारण होता है और इससे बचने के उपाय क्या होते हैं जानकारी के लिए अपडेट चाहिए|
dengue cases in haridwar : डेंगू होने के मुख्य कारण|
dengue cases in haridwar : यह डेंगू नाम की बीमारी कर वायरस से मिलकर बनी है जो इस प्रकार हैं – डीईएनवी-1, डीईएनवी-2, डीईएनवी-3 और डीईएनवी-4। जब यह डेंगू किसी को संक्रमित करता है तो वायरस मच्छर के शरीर में घुस जाता है। और बीमारी तब फैलती है जब वह मच्छर किसी स्वस्थ व्यक्ति को काटता है, और वायरस व्यक्ति के रक्तविधि सरकुलेशन के वक्त इसका फैलाव होता है|जब संक्रमित व्यक्ति को तेज बुखार आ जाता है तो इसका मतलब इस वायरस का उसके शरीर पर नियंत्रण होने लगा है लेकिन अन्य तीन प्रकार के वायरस से नहीं। यदि आप दूसरी, तीसरी या चौथी बार इफेक्ट होते हैं हैं तो ऐसे में डरने की बात है डेंगू बुखार, जिसे डेंगू रक्तस्रावी बुखार कैसे सिमटम से पहचाना जाता है है
dengue cases in haridwar : डेंगू होने के मुख्य लक्षण|
dengue cases in haridwar : वैसे तो डेंगू का मुख्य लक्षण तेज बुखार ही होता है लेकिन इसके अलावा किशोरों एवं बच्चों में इसकी पहचान करना काफी हद तक मुश्किल है। डेंगू में 104 फारेनहाइट डिग्री का बुखार जाना जाता है, जिसके निम्न अनुसार लक्षण होते हैं :-
- सिर दर्द होना
- मांसपेशियों, हड्डियों और जोड़ों में दर्द होना
- जी मिचलाना लगा
- उल्टी जैसा लगना
- आंखों के पीछे दर्द होना
- ग्रंथियों में सूजन आ जाना
- त्वचा पर लाल चकत्ते फैलना|
डेंगू की प्रक्रिया में तीन तरह के बुखार होते हैं जिससे लोगों की जान भी जा सकती है जो इस प्रकार हैं – हल्का डेंगू बुखार, डेंगू रक्तस्रावी बुखार और डेंगू शॉक सिंड्रोम इत्यादि|
- हल्का डेंगू बुखार – इसके लक्षण मच्छर के दंश के एक हफ्ते बाद देखने को मिलते हैं और इसमें गंभीर या घातक जैसी गंभीर बीमारी
- डेंगू रक्तस्रावी बुखार – लक्षण हल्के होते हैं, लेकिन धीरे-धीरे कुछ दिनों अधिक मुश्किलें पनपत्ति है|
- डेंगू शॉक सिंड्रोम – यह डेंगू का एक गंभीर रूप है और यह सबसे बड़ी मौत का कारण बन सकता है|
dengue cases in haridwar : डेंगू जैसी महामारी से बचाव के उपाय जानिए|
- dengue cases in haridwar : अपनी त्वचा को ढक रखिए:- डेंगू जैसी महामारी से बचने के लिए अपनी त्वचा को ढक कर रखी है और मच्छर डंक मारने से बच पाएंगे| लंबी पैंट और पूरी बाजू की शर्ट से खुद को सुरक्षित रखिए| डेंगू के मच्छर सुबह या शाम को अत्यधिक प्रभावित होता है ऐसे में बाहर बिल्कुल ना रहे|
- मच्छर से प्रोडक्ट रहने के लिए मेडिकल क्रीम्स इस्तेमाल करें: डेंगू जैसी महामारी से बचने के लिए डाइथाइलटोलुआमाइड (डीईईटी) के कम से कम 10 प्रतिशत कंसंट्रेशन वाला रेपेलेंट से खुद को सुरक्षित रखिए है। मेडिकल्स में कुछ क्रीम्स मिलती है जिसे अपनी त्वचा पर लगाई है इससे मच्छर आपके नजदीक नहीं भटकेंगे |
- अपने शरीर को स्वच्छ रखिए: आपको डेंगू बीमारी होने का सबसे बड़ा कारण यह होता है कि आप स्वच्छ नहीं रहते हैं आपके आसपास गंदगी पनपत्ति है। डेटॉल लिक्विड हैंडवॉश का प्रयोग करें, जो कीटाणुओं को दूर रखने का काम करता है। जो रोजाना इस्तेमाल किए जाने वाले वस्तुओं को साफ रखिए|
- ठहरे हुए पानी को कीटाणुरहित करें: एडीज मच्छर एकदम साफ पानी में पैदा होता है। पानी के बर्तन या टंकी को बर्तन से और डाल के रखिए। मच्छरों के लिए एक प्रजनन बरकराय रखने को को कम करने के लिए ऐसे किसी भी बर्तन धकेल दीजिए, जिसमें पानी इकट्ठा हो सकता है और सतहों को अच्छी तरह से सफाई रखिए
- औषधि : टायलेनोल या पैरासिटामोल जैसी दर्द निवारक दवाएं उपचार के लिए लीजिएहैं। गंभीर डिहाइड्रेशन के मामले में कभी-कभी आईवी ड्रिप्स से राहत मिलेगी
- हाइड्रेटेड रहें : आपके लिए यह बात मायने रखती है क्योंकि हमारे शरीर के कई पदार्थ चिपके हुए रहते हैं का उल्टी और तेज बुखार के शिकार बन जाते हैं। तरल पदार्थों के लगातार सेवन से इसमें राहत मिलती है है कि शरीर आसानी से डिहाइड्रे नहीं रख पाते हैं|
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